Teachers Day 2024: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की विरासत और शिक्षकों के प्रभाव का जश्न!

Praful Sharma
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Teachers Day 2024

 

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की विरासत और शिक्षकों के प्रभाव का जश्न

भारत में हर साल 5 सितंबर को Teachers Day के रूप में मनाया जाता है।  शिक्षक दिवस एक ऐसा दिन है जब हम उन सभी शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त कर सकते हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

शिक्षक दिवस का महत्व

भारतीय संस्कृति में Teachers Day का बहुत महत्व है  क्योंकि यह शिक्षकों के प्रति गहरे सम्मान को दर्शाता है, जिन्हें छात्र के जीवन में मार्गदर्शक शक्ति के रूप में देखा जाता है। Teachers Day पूरे भारत में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में, छात्र अक्सर अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए अपने शिक्षकों को समर्पित नृत्य, नाटक और भाषण सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

TeachersDay-Quotes1पूरे देश में छात्र इस दिन अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं, स्कूल और कॉलेज उत्सवों के साथ जीवंत हो जाते हैं, जहाँ छात्र शिक्षकों की भूमिका निभाते हैं  और शिक्षकों की जिम्मेदारियों और कठिनाइयों का अनुभव करते हैं। कुछ छात्र अपने शिक्षकों को फूल, कार्ड या प्रशंसा के छोटे टोकन भेंट करते हैं। कई स्कूल छात्रों के जीवन पर उनके समर्पण और प्रभाव के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार समारोह भी आयोजित करते हैं।

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शिक्षक दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं है; यह शिक्षकों के निस्वार्थ समर्पण को स्वीकार करने और सम्मान करने का अवसर है जो भविष्य की पीढ़ियों के दिमाग का पोषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षा ही वह माध्यम है जो हमें बेहतर समाज और उज्जवल भविष्य की ओर ले जाती है। यह दिन न केवल शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का अवसर है, बल्कि यह हमें शिक्षा के महत्व और शिक्षक के योगदान को समझने का मौका भी देता है।

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भारत में 5 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं Teachers Day?

दुनियाभर में  Teachers Day 5 अक्टूबर को होता है, वहीं भारत में इसे 5 सितंबर के दिन मनाया जाता है।  5 सितंबर को भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में जाना जाता है।  इस दिन डॉ. राधाकृष्णन का जन्म हुआ था और उनके प्रति सम्मान को प्रकट करते हुए आज से कई साल पहले इस दिन की शुरुआत हुई थी । 

5 सितंबर को Teachers Day के रूप में मनाने का कारण डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के महान व्यक्तित्व और शिक्षण के प्रति उनके समर्पण में निहित है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान बहुत बड़ा था और उनके छात्र उनकी बहुत प्रशंसा करते थे। जब वे भारत के राष्ट्रपति बने, तो उनके कुछ पूर्व छात्रों और मित्रों ने उनका जन्मदिन मनाने के लिए उनसे संपर्क किया। जवाब में, डॉ. राधाकृष्णन ने सुझाव दिया कि उनके जन्मदिन को मनाने के बजाय, देश भर के शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए  5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाना अधिक सार्थक होगा।

radhekrishanडॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन,  जिनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को एक गरीब तेलुगु परिवार में तमिलनाडु के तिरुतनी नामक स्थान पर हुआ था, उन्होंने छात्रवृत्ति के माध्यम से अपनी शिक्षा प्राप्त की और दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। वे एक प्रतिष्ठित दार्शनिक, विद्वान और राजनेता थे, जिन्होंने 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

अपने राष्ट्रपति पद से पहले, डॉ. राधाकृष्णन एक प्रसिद्ध शिक्षाविद थे और उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय और ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय सहित विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। वे अपनी विद्वता और शिक्षण शैली के कारण छात्रों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय थे।  उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भारतीय दर्शन पर व्याख्यान दिए और कई पुस्तकें लिखीं।

Teachers Day Quotes2उनकी पहली पुस्तक, ‘द फिलॉसफी ऑफ रवींद्रनाथ टैगोर’, 1917 में प्रकाशित हुई, जो उनकी बौद्धिक क्षमता और विचारों की गहराई को दर्शाती है। वे 1952 से 1962 तक  भारत के पहले उपराष्ट्रपति भी थे। उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

डॉ. राधाकृष्णन शिक्षा की शक्ति और एक मजबूत और प्रगतिशील समाज के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका में दृढ़ विश्वास रखते थे। वे कहते थे कि शिक्षक समाज की रीढ़ होते हैं। वे अपने जीवन में शिक्षा और शिक्षकों की भूमिका को सर्वोच्च मानते थे।

डॉ. राधाकृष्णन ने आंध्र विश्वविद्यालय (1931-1936) और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) (1939) के कुलपति के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, इन विश्वविद्यालयों ने शिक्षा के क्षेत्र में कई मील के पत्थर हासिल किए।

डॉ. राधाकृष्णन हमेशा शिक्षा के महत्व को प्राथमिकता देते थे और खुद को सबसे पहले शिक्षक मानते थे। उनकी याद में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाना न केवल उनकी उपलब्धियों का सम्मान करना है, बल्कि हमारे जीवन में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करना भी है। इस प्रकार, राष्ट्रीय शिक्षक दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की महानता और शिक्षकों के योगदान को पहचानने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

ये दिन केवल पारंपरिक गुरुओं तक ही सीमित नहीं है बल्कि जीवन के किसी भी पड़ाव पर किसी भी व्यक्ति ने अगर जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका निभायी है तो उसके प्रति आमतौर पर आभार प्रकट करने के लिए लोग ये दिन चुनते हैं.

Teachers Day

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